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Thursday, August 30, 2007

मीडिया पर लगाम लगाना कितना जरूरी है?


आप ने कभी सोचा है कि मीडिया जो कुछ हमें टी वी पर दिखाती है उसमें क्या दिखाना चाहिए, क्या नही दिखाना चाहिए? मीडिया हमें हमारे आस-पास से लेकर , राष्टीय और अन्तरराष्टीय खबरों से अवगत कराती है यहाँ तक तो ठीक है परन्तु अब प्रतिस्पर्धा के कारण टी वी चैनल अपने स्वार्थ के लिए मानवता का गला घोटते है। जब हम किसी को आत्मदाह करने का सजीव प्रसारण देखते है या फिर किसी महिला की नग्न तस्वीर देखतें हैं या फिर किसी चोर या अपराधी को पुलिस द्वारा मोटर साइकिल मे बांधकर घसीटते दिखाते है ,तो प्रश्न यह उठता है कि इस जगह पर उस पत्रकार को मदद करनी चाहिए या कि खबर की कवरेज दिखाई जानी चाहिए ।यहाँ यह सोचना जरूरी हो जाता है कि जो कुछ भी चैनल दिखा रहे हैं उसका समाज पे क्या प्रभाव होगा?
अतः इस प्रकार निष्कर्तः यही कहना हे कि भारतीय सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय को इस प्रकार के टी वी चैनल पर रोक लगानी चाहिए जो की अपने फायदे के लिए कुछ भी परोस सकते है जो की गैर जिम्मेदाराना हैं मंत्रालय को एक प्रासरण के लिए आचार संघिता बनाना चाहिए तथा साथ ही साथ कानून को प्रभावी ढ़ग से लागू भी किया जाना चाहिए ताकी मीडिया पर शिकंजा कसा जा सके और मनमाने रवैये को परिवर्तित किया जा सके।

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